Skip to main content

63 साल का बुजुर्ग 5 गर्लफ्रेंड्स को खुश करने के लिए बना चोर, गिरफ्तार

<p style="text-align: justify;"><strong>नई दिल्ली:</strong> दिल्ली के आनंद पर्बत इलाके में 63 साल के व्यक्ति को चोरी के इल्जाम में गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए शख्स का नाम बंधू सिंह है. बंधू सिंह के चोर बनने की कहानी थोड़ी रोचक है. करीब एक दशक पहले बंधू को उसकी गर्लफ्रेंड ने सिर्फ इसलिए छोड़ दिया था क्योंकि उसके पास ज़्यादा पैसे नहीं थे. तभी उसने ये ठान लिया था कि प्यार के रास्ते में कभी पैसा नहीं आना चाहिए. इसके लिए चोरी करना उसे सबसे आसान रास्ता नज़र आया.</p> <p style="text-align: justify;">बताया जा रहा है कि बंधू सिंह पांच गर्लफ्रेंड हैं जिन्हें खुश रखने के लिए वो चोरी कर रहा था. चोरी के इस सिलसिले की शुरुआत उसने पहले छोटे स्तर पर की थी, लेकिन पकड़े न जाने पर उसका हौसला बढ़ता चला गया.</p> <p style="text-align: justify;">बंधू ने नॉर्थ दिल्ली इलाके में बड़े पैमाने पर चोरियां कीं. जिन घरों में सीसीटीवी नहीं लगे होते थे, वो उन्हीं घरों को अपना टार्गेट बनाता था. लेकिन एक दिन गलती से उसने सीसीटीवी को बल्ब समझ कर छोड़ दिया और यहीं से उसके काले कारनामों का पर्दाफाश हो गया. सीसीटीवी में बंधू की सारी हरकतें कैद हो गयीं और पुलिस ने आसानी से उसे खोज निकाला.</p> <p style="text-align: justify;">दिल्ली मुलिक के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक एक दिन सुबह उनके पास जगदीश कुमार का फोन आया. जगदीश ने बताया कि उनकी फैक्ट्री में चोरी हो गयी है. जगदीश की फैक्ट्री से 60,000 रु. नगद, कई लैपटॉप और कुछ अन्य कीमती सामान चोरी हुआ था. जिसके बाद पुलिस ने एक टीम गठित कर इस गुत्थी को सुलझाने की योजना बनाई.</p> <p style="text-align: justify;">सीसीटीवी खंगालने पर पुलिस को कुछ अहम जानकारियां मिलीं और कई जगहों पर रेड की गई. एक सूत्र से मिली जानकारी के बाद बंधू को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ के दौरान बंधू ने बताया कि वह मंगलापुरी का रहने वाला है और उसकी पांच गर्लफ्रेंड हैं जिनकी ऐशो-आराम भरी जिंदगी के लिए उसे चोरी करनी पड़ती है. उसका कहना है कि उसने कई बार खुद को सुधारने की कोशिश की लेकिन गर्लफ्रेंड की फिज़ूल भरी माँगों को पूरा करने के लिए उसे चोरी करनी ही पड़ती थी.</p> <p style="text-align: justify;">बंधू ने बताया कि एक किराए के कमरे पर वह चोरी का सामान रखता था और कुछ समय बाद उसे ठिकाने लगा देता था. उसके पास से बड़ी मात्रा में नगदी बरामद की गई है. बंधू के पकड़े जाने से पुलिस ने करीब 20 केसों की गुत्थी सुलझा ली है.</p>

from home https://ift.tt/2Aq3tn4

Comments

Popular posts from this blog

कोरोनावायरस के हमले पर कैसे रिएक्ट करता है हमारा शरीर? वैक्सीन की जरूरत क्यों?

कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को बुरी तरह प्रभावित किया है। जनवरी में यह चीन से बाहर फैला और धीरे-धीरे पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। जान बचाने के खातिर हर स्तर पर कोशिशें तेज हो गईं। करीब 11 महीने बाद भी रिकवरी की हर कोशिश को कोरोना ने नई और ताकतवर लहर के साथ जमींदोज किया है। ऐसे में महामारी को रोकने के लिए सिर्फ वैक्सीन से उम्मीदें हैं। पूरी दुनिया में वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। जब दुनियाभर में वैज्ञानिक कोरोनावायरस को खत्म करने के लिए वैक्सीन बनाने में जुटे हैं तो यह जानना तो बनता है कि इसकी जरूरत क्या है? मेडिकल साइंस को समझना बेहद मुश्किल है। आसान होता तो हर दूसरा आदमी डॉक्टर बन चुका होता। हमने विशेषज्ञों से समझने की कोशिश की कि कोरोनावायरस शरीर पर कैसे हमला करता है? उस पर शरीर का जवाब क्या होता है? वैक्सीन की जरूरत क्यों है? वैक्सीन कैसे बन रहा है? यहां आप 5 प्रश्नों के जवाब के जरिए जानेंगे कि - कोरोनावायरस के हमले पर शरीर का रिस्पॉन्स क्या होता है? कोरोनावायरस को खत्म करने के लिए वैक्सीन की जरूरत क्या है? किस तरह से वैक्सीन बनाए जा रहे हैं? वैक्सीन के ...

आज विधायक पद की शपथ लेंगी दीदी:6 भाइयों की इकलौती बहन हैं ममता, जानलेवा हमला हुआ, पीटा गया; अब मोदी को 2024 में हराने के लिए नई रणनीति बनाई

from DB ओरिजिनल | दैनिक भास्कर https://ift.tt/2YpkYAQ

इंसानों की जगह ले रही हैं मशीनें; सारे फैसले खुद लेती हैं

चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस का कोई कांस्टेबल नहीं दिख रहा था। चालान कटने का डर भी नहीं था। शर्माजी ने स्टॉपलाइन की परवाह नहीं की और कार को आगे बढ़ा दिया। पर वहां क्लोज सर्किट कैमरा (CCTV) लगा था और उसने शर्माजी की हरकत को कैमरे में कैद कर लिया। दो दिन बाद जब चालान घर पहुंचा तो शर्माजी ने माथा पकड़ लिया। उन्हें अब भी समझ नहीं आ रहा था कि जब कोई कॉन्स्टेबल चौराहे पर था ही नहीं, तो यह चालान कैसे बन गया? शर्माजी की तरह सोचने वाले एक-दो नहीं बल्कि लाखों में हैं। उन्हें पता ही नहीं कि यह सब किस तरह होता है? और तो और, यहां ले-देकर मामला भी नहीं निपटा सकते। इस मामले में हुआ यह कि CCTV से आए फुटेज के आधार पर मशीन पहले तो गाड़ी का नंबर दर्ज करती है। फिर उससे कार के मालिक का पता निकालकर उसे चालान भेजती है। किसी तरह की कोई शंका न रहे, इसलिए वह फोटो भी साथ भेजती है जो कानून तोड़े जाने का सबूत बनता है। यह सब होता है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI की वजह से। यहां एक मशीन वही काम करती है, जिसकी उसे ट्रेनिंग दी जाती है। यदि कोई दूसरा काम करना हो तो उसके लिए दूसरी मशीन बनाने की जरूरत पड़ती है। मशीन को किस...