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ईरान अब भी परमाणु समझौते के नियमों पर कायम है: यूएन की रिपोर्ट

<p style="text-align: justify;"><strong>विएना:</strong> ईरान विश्व शक्तियों के साथ हुए परमाणु समझौते के नियमों पर अब भी कायम है. परमाणु मामलों पर नजर रखने वाली एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि ईरान, ज्वाइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (JCPOA),2015 के मुख्य मानकों का अब भी पालन कर रहा है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>मई में समझौते से अलग हो गया था अमेरिका </strong>यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समझौते से बाहर होने का फैसला किया है. ट्रंप ने मई में इस समझौते से खुद को अलग कर लिया था. इसके बाद उन्होंने ईरान पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस प्रतिबंध से ईरान की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ईरान ने सर्वेक्षण में सहयोग किया </strong>आईएईए ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि उनकी टीम को ईरान में उन सभी जगहों पर जाने दिया गया जहां उसे जाने की जरूरत थी. हालांकि एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में ईरान के प्रमुख भागों में पहुंच के लिए समय पर सक्रिय सहयोग की बात दोहराई है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong><a href="https://abpnews.abplive.in/world-news/us-soldiers-accept-the-allegations-of-helping-isis-952477">अमेरिकी सैनिक ने ISIS को मदद करने का दोष स्वीकार किया</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong>ईरान में यूरेनियम और भारी जल की मात्रा में बढ़ोत्तरी हुई</strong> रिपोर्ट में कहा गया है कि मई में आई रिपोर्ट के मुकाबले ईरान में यूरेनियम और भारी जल की मात्रा में बढ़ोत्तरी हुई है. लेकिन यह समझौते में निर्धारित मात्रा के भीतर ही है. आपको बता दें कि 2015 में हुए समझौते के मुताबिक, ईरान यूरेनियम भंडार को केवल 3.67% तक ही बढ़ा सकता है. जबकि एक परमाणु हथियार बनाने में तकरीबन 90% यूरेनियम की जरूरत होती है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong><a href="https://abpnews.abplive.in/world-news/us-cautions-india-on-defense-purchase-from-russia-952101">अमेरिका ने रूसी हथियार खरीदने को लेकर भारत को आगाह किया</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong>'JCPOA हमारे हित में नहीं है तो तेहरान इसे खारिज कर देगा' </strong>इस बीच ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनई ने कहा है कि अगर JCPOA हमारे हित में नहीं है तो तेहरान इसे खारिज करने से नहीं हिचकेगा. हालांकि ख़ामेनई ने कहा कि वे यूरोपीय राज्यों से बातचीत जारी रखेंगे.</p>

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