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39 साल पहले शिवसेना ने कांग्रेस का मुख्यमंत्री बनाने में मदद की थी, बाल ठाकरे ने आपातकाल का समर्थन किया था

नई दिल्ली. महाराष्ट्र में 1 महीने तक चली उठापटक के बाद आखिरकार शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। ये पहला मौका है जब कांग्रेस और शिवसेना का गठबंधन हुआ है। लेकिन, 1966 में बनी शिवसेना के 53 साल के इतिहास में 5 बड़े मौके आए, जब दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे का समर्थन किया।

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Shiv Sena-BJP Friendship: When Shiv Sena Has Supports Congress In 39 Year Ago, Bal Thackeray backed 1975 Emergency


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कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को बुरी तरह प्रभावित किया है। जनवरी में यह चीन से बाहर फैला और धीरे-धीरे पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। जान बचाने के खातिर हर स्तर पर कोशिशें तेज हो गईं। करीब 11 महीने बाद भी रिकवरी की हर कोशिश को कोरोना ने नई और ताकतवर लहर के साथ जमींदोज किया है। ऐसे में महामारी को रोकने के लिए सिर्फ वैक्सीन से उम्मीदें हैं। पूरी दुनिया में वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। जब दुनियाभर में वैज्ञानिक कोरोनावायरस को खत्म करने के लिए वैक्सीन बनाने में जुटे हैं तो यह जानना तो बनता है कि इसकी जरूरत क्या है? मेडिकल साइंस को समझना बेहद मुश्किल है। आसान होता तो हर दूसरा आदमी डॉक्टर बन चुका होता। हमने विशेषज्ञों से समझने की कोशिश की कि कोरोनावायरस शरीर पर कैसे हमला करता है? उस पर शरीर का जवाब क्या होता है? वैक्सीन की जरूरत क्यों है? वैक्सीन कैसे बन रहा है? यहां आप 5 प्रश्नों के जवाब के जरिए जानेंगे कि - कोरोनावायरस के हमले पर शरीर का रिस्पॉन्स क्या होता है? कोरोनावायरस को खत्म करने के लिए वैक्सीन की जरूरत क्या है? किस तरह से वैक्सीन बनाए जा रहे हैं? वैक्सीन के ...

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इंसानों की जगह ले रही हैं मशीनें; सारे फैसले खुद लेती हैं

चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस का कोई कांस्टेबल नहीं दिख रहा था। चालान कटने का डर भी नहीं था। शर्माजी ने स्टॉपलाइन की परवाह नहीं की और कार को आगे बढ़ा दिया। पर वहां क्लोज सर्किट कैमरा (CCTV) लगा था और उसने शर्माजी की हरकत को कैमरे में कैद कर लिया। दो दिन बाद जब चालान घर पहुंचा तो शर्माजी ने माथा पकड़ लिया। उन्हें अब भी समझ नहीं आ रहा था कि जब कोई कॉन्स्टेबल चौराहे पर था ही नहीं, तो यह चालान कैसे बन गया? शर्माजी की तरह सोचने वाले एक-दो नहीं बल्कि लाखों में हैं। उन्हें पता ही नहीं कि यह सब किस तरह होता है? और तो और, यहां ले-देकर मामला भी नहीं निपटा सकते। इस मामले में हुआ यह कि CCTV से आए फुटेज के आधार पर मशीन पहले तो गाड़ी का नंबर दर्ज करती है। फिर उससे कार के मालिक का पता निकालकर उसे चालान भेजती है। किसी तरह की कोई शंका न रहे, इसलिए वह फोटो भी साथ भेजती है जो कानून तोड़े जाने का सबूत बनता है। यह सब होता है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI की वजह से। यहां एक मशीन वही काम करती है, जिसकी उसे ट्रेनिंग दी जाती है। यदि कोई दूसरा काम करना हो तो उसके लिए दूसरी मशीन बनाने की जरूरत पड़ती है। मशीन को किस...