Skip to main content

प्रशांत भूषण बोले- केजरीवाल की कोई खास सोच नहीं; भाजपा गुंडों की पार्टी, उसने अराजकता का माहौल बनाया

नई दिल्ली. 2011 के अन्ना आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले प्रशांत भूषण अपने पूर्व साथी अरविंद केजरीवाल से नाखुश हैं। वे आम आदमी पार्टी (आप) के संस्थापक सदस्य हैं। 2015 में उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। दैनिक भास्कर को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में प्रशांत ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ ही देश के हालात पर चर्चा की। वे कहते हैं- केजरीवाल भी दूसरे नेताओं की तरह हैं। उनकी कोई खास सोच नहीं है, वेआम राजनेता की तरह ही हैं। भूषण भाजपा पर देश का माहौल अराजक करने का आरोप लगाते हैं। प्रशांत भूषण से बातचीत के प्रमुख अंश।


दिल्ली में भाजपा राष्ट्रवाद और आप स्थानीय मुद्दों पर फोकस कर रही है। चुनाव किस दिशा में जा रहा है?
भूषण :भाजपा का दिल्ली में कोई वजूद नहीं दिख रहा। उम्मीदवार भी सही नहीं हैं। आप के पास लीडरशिप और अच्छे उम्मीदवार,दोनों हैं। भाजपा राष्ट्रवाद को मुद्दा बनाने की कोशिश जरूर कर रही है। मुझे नहीं लगता कि ये चल पाएगा।

क्या चुनाव आम आदमी पार्टी की तरफ जा रहा है?आपजीत हासिल करेगी?
भूषण :लगता तो यही है कि चुनाव आप की तरफ जा रहा है। सामान्य लोगों को लगता है कि आप ने शिक्षा और स्वास्थ्य पर कुछ काम तो किया है। दूसरी बात, लोगों को ये भरोसा हो गया है कि भाजपा ने देश को बहुत बर्बाद किया। वे राष्ट्रवाद का ढोंग करते हैं। राष्ट्रवाद के नाम पर लोगों को हिंदू-मुस्लिम में बांटा जा रहा है।

अन्ना आंदोलन में आपकी अहम भूमिका रही। आम आदमी पार्टी से भी जुड़े। फिर पार्टी क्यों छोड़ी?
भूषण :कुछ कारण हैं। पहला तो यही कि पिछले चुनाव में उन्होंने कई गलत लोगों को टिकट दिए। दूसरा- केजरीवाल अपनी जिद से पार्टी चलाना चाहते थे। वेकिसी से विचार विमर्श नहीं करते। भष्टाचार, लोकपाल और पारदर्शिता के मुद्दे छोड़ दिए गए। यानी कई खामियां दिखने लगीं थीं। हर तरह के गलत तरीके इस्तेमाल हो रहे थे। ये लोग शायद आज भी यही कर रहे होंगे। अब मेरा उनसे ज्यादा ताल्लुक नहीं रहा। लेकिन, भाजपा ने तो लोकतंत्र के साथ हमारी संस्कृति और सभ्यता को ही खतरे में डाल दिया। मैं मानता हूं कि आप में खामियां हैं। लेकिन, देश को भाजपा से जितना खतरा है, उतना आप से नहीं।

सीएए पर शाहीन बाग समेत कई प्रदर्शन जारी हैं। कपिल मिश्रा चुनाव को भारत बनाम पाकिस्तान बताते हैं। इसे कैसे देखते हैं?
भूषण : भाजपा की कोशिश है कि इसे हिंदू-मुस्लिम मुद्दा बना लें। वे देश का फिर विभाजन कराना चाहते हैं। अगर यही लोग राष्ट्रवाद की बात करें तो हास्यास्पद लगता है। कपिल मिश्रा तो नीच किस्म का आदमी है। इससे नीच मिलना मुश्किल है। वो भड़काऊभाषण देता है। उसे तो जेल में होना चाहिए। भाजपा ने इसी तरह के लोगों को टिकट दिए हैं। एक वो बग्गा है, जो मुझे मेरे चैंबर में पीटने आया था।

केजरीवाल के बारे में आपकी क्या राय है? क्या वो अब भी अन्ना के सिद्धांतों पर चल रहे हैं?
भूषण : अरविंद और आम आदमी पार्टी ने लोकपाल वगैरह नहीं बनाया। लेकिन, आप फिर भी भाजपा से बेहतर है। भाजपा ने सिद्धांतों को कभी नहीं माना। अन्ना आंदोलन का फायदा उठाया। लोकपाल को अमल में नहीं लाया।न ही कोई पारदर्शिता आने दी। घूसखोरी का पैसा रूलिंग पार्टी को देने का सिस्टम ले आए।

अरविंद केजरीवाल को कैसे देखते हैं?
भूषण : अरविंद की कोई खास सोच नहीं है। वो भी एक राजनेता की तरह हो गया है। वो यही देखता है कि किस तरफ हवा चल रही है। किस चीज से हमको वोट मिलेंगे। उस हिसाब से काम करता है।

आप ने उन लोगों को भी टिकट दिए, जिन पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। या जो दूसरी पार्टियों से आए।
भूषण : गलत लोगों को तो टिकट इन लोगों ने पिछली बार भी दिया था। इस बार भी दिया है। लेकिन भाजपा ने किस तरह के लोगों को टिकट दिया। वो गोली मारने की भाषा सड़कों पर बोलते हैं। वैसा, आप में मुझे अब भी नहीं दिखता।

दिल्ली की जनता को आपका क्या संदेश है? कुछ टैक्सपेयर्स केजरीवाल की फ्री स्कीम्स पर सवाल खड़े रहे हैं?
भूषण : गरीबों को सुविधाएं मिलनी चाहिए। उनको सस्ती बिजली और पानी मिलने में कोई हर्ज नहीं। अमीरों को ये फ्री नहीं देना चाहिए। मेरी राय तो दिल्ली के वोटर्स के लिए ये है कि देखिए, आम आदमी पार्टी में बहुत खामियां हो गई हैं। कांग्रेस में भी हैं। लेकिन, भाजपा ने जिस तरह से देश को बर्बाद किया, वैसा इतिहास में कभी नहीं हुआ। इंटरनेशनल मीडिया ने भी कहा है कि हिंदुस्तान में लोकतंत्र ही नहीं, सभ्यता भी खतरे में पड़ गई है। मेरी स्पष्ट राय है कि जो भी भाजपा को हरा पाए, उनको वोट देना चाहिए। फिर वो आम आदमी पार्टी हो या कांग्रेस। भाजपा को कतई नहीं जीतना चाहिए।

यमुना की हालत खराब है। फिर भी इस चुनाव में ये मुद्दा क्यों नहीं है?
भूषण : इससे बड़े-बड़े मुद्दे हैं। वायु प्रदूषण यमुना से बड़ा मुद्दा है। उसमें केंद्र और राज्य दोनों की भागीदारी है। ऐसे ही यमुना में भी दोनों की भागीदारी है, कुछ न करने में।


इस इंटरव्यू के बाद प्रशांत भूषण काफी नाराज हो गए। उन्होंने कहा- ‘‘आपने सीएए-एनआरसी को लेकर मुझसे सवाल क्यों नहीं किया? आप सवालों में मुझे फंसाना चाहते थे, लेकिन मैं आपका खेल समझ गया।’’जब भास्कर ने उन्हें याद दिलाया कि हमने सीएए-एनआरसी पर भी आपसे सवाल किया है, तो भी वे नहीं माने और बोले- मैं सब समझ गया।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Prashant Bhushan; Lawyer Prashant Bhushan Interview To Bhaskar; Speaks On Arvind Kejriwal, BJP Over Delhi Vidhan Sabha Chunav 2020


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3aTpAjX

Comments

Popular posts from this blog

कोरोनावायरस के हमले पर कैसे रिएक्ट करता है हमारा शरीर? वैक्सीन की जरूरत क्यों?

कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को बुरी तरह प्रभावित किया है। जनवरी में यह चीन से बाहर फैला और धीरे-धीरे पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। जान बचाने के खातिर हर स्तर पर कोशिशें तेज हो गईं। करीब 11 महीने बाद भी रिकवरी की हर कोशिश को कोरोना ने नई और ताकतवर लहर के साथ जमींदोज किया है। ऐसे में महामारी को रोकने के लिए सिर्फ वैक्सीन से उम्मीदें हैं। पूरी दुनिया में वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। जब दुनियाभर में वैज्ञानिक कोरोनावायरस को खत्म करने के लिए वैक्सीन बनाने में जुटे हैं तो यह जानना तो बनता है कि इसकी जरूरत क्या है? मेडिकल साइंस को समझना बेहद मुश्किल है। आसान होता तो हर दूसरा आदमी डॉक्टर बन चुका होता। हमने विशेषज्ञों से समझने की कोशिश की कि कोरोनावायरस शरीर पर कैसे हमला करता है? उस पर शरीर का जवाब क्या होता है? वैक्सीन की जरूरत क्यों है? वैक्सीन कैसे बन रहा है? यहां आप 5 प्रश्नों के जवाब के जरिए जानेंगे कि - कोरोनावायरस के हमले पर शरीर का रिस्पॉन्स क्या होता है? कोरोनावायरस को खत्म करने के लिए वैक्सीन की जरूरत क्या है? किस तरह से वैक्सीन बनाए जा रहे हैं? वैक्सीन के ...

आज विधायक पद की शपथ लेंगी दीदी:6 भाइयों की इकलौती बहन हैं ममता, जानलेवा हमला हुआ, पीटा गया; अब मोदी को 2024 में हराने के लिए नई रणनीति बनाई

from DB ओरिजिनल | दैनिक भास्कर https://ift.tt/2YpkYAQ

इंसानों की जगह ले रही हैं मशीनें; सारे फैसले खुद लेती हैं

चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस का कोई कांस्टेबल नहीं दिख रहा था। चालान कटने का डर भी नहीं था। शर्माजी ने स्टॉपलाइन की परवाह नहीं की और कार को आगे बढ़ा दिया। पर वहां क्लोज सर्किट कैमरा (CCTV) लगा था और उसने शर्माजी की हरकत को कैमरे में कैद कर लिया। दो दिन बाद जब चालान घर पहुंचा तो शर्माजी ने माथा पकड़ लिया। उन्हें अब भी समझ नहीं आ रहा था कि जब कोई कॉन्स्टेबल चौराहे पर था ही नहीं, तो यह चालान कैसे बन गया? शर्माजी की तरह सोचने वाले एक-दो नहीं बल्कि लाखों में हैं। उन्हें पता ही नहीं कि यह सब किस तरह होता है? और तो और, यहां ले-देकर मामला भी नहीं निपटा सकते। इस मामले में हुआ यह कि CCTV से आए फुटेज के आधार पर मशीन पहले तो गाड़ी का नंबर दर्ज करती है। फिर उससे कार के मालिक का पता निकालकर उसे चालान भेजती है। किसी तरह की कोई शंका न रहे, इसलिए वह फोटो भी साथ भेजती है जो कानून तोड़े जाने का सबूत बनता है। यह सब होता है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI की वजह से। यहां एक मशीन वही काम करती है, जिसकी उसे ट्रेनिंग दी जाती है। यदि कोई दूसरा काम करना हो तो उसके लिए दूसरी मशीन बनाने की जरूरत पड़ती है। मशीन को किस...