रिश्तों का बना रहना नसीब और टूट जाना बड़ी बदनसीबी है। परिवार को यदि एक देह मान लें, तो रिश्ते उसके आभूषण हैं। देश में अनेक त्योहार जीवन की विविध गतिविधियां से जुड़े हैं, लेकिन जब रिश्तों की बात हो, तो राखी ही याद आएगी। यह एक ऐसा त्योहार है, जो मनुष्य को समझाता है कि रिश्तों को देह से ऊपर ले जाकर आत्मा से जोड़ें। सचमुच बहुत पवित्रता है, इस त्योहार में। हनुमानजी रिश्तों का निर्वहन करने वाले देवता माने गए हैं। रिश्ते कैसे बनाए, निभाए और बचाए जाते हैं, यह हनुमानजी से सीखें। यदि परमात्मा से सही ढंग से रिश्ता जोड़ा तो फिर दुनिया से हमारे रिश्ते अच्छे होंगे। इस वक्त हम मनुष्यों के साथ जीवन, जीविका, जगत व जगदीश, ये चार बातें एक साथ चल रही हैं व इसी में रिश्ते निभाना सीखना है। वातावरण में रिश्ते कैसे पॉजिटिविटी पैदा कर सकते हैं, इसके लिए हनुमान चालीसा मंत्र के रूप में बड़ी उपयोगी है। हनुमान चालीसा के सवा करोड़ महापाठ का कार्यक्रम रक्षा बंधन की पूर्व संध्या पर इंदौर से होता है। इस बार भी भाव प्रवाह से होगा, जिसका सीधा प्रसारण संस्कार टीवी पर 2 अगस्त की रात 8 बजे से होगा। कार्यक्रम से जुड़ें क्...