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अंग्रेज शुरुआत में माउंट एवरेस्ट को पीक-15 कहते थे। तिब्बती भाषा में माउंट एवरेस्ट का नाम है चोमोलुंगमा, जिसका अर्थ है ‘विश्व की मां देवी’। नेपाली इसे संस्कृत शब्द सगरमाथा पुकारते हैं। फिर आए सर जार्ज एवरेस्ट, भारत के पहले सर्वेयर जनरल। उनके बाद कर्नल एंड्रयू स्कॉट वॉ सर्वेयर जनरल बने। 1852 में तय किया गया था कि इस पर्वत की ऊंचाई नापी जाए।
यह काम सौंपा गया बंगाल के प्रसिद्ध गणितज्ञ राधानाथ सिकदर को। सिकदर ने 13 वर्ष की मेहनत के बाद, पर्वत पर चढ़े बिना अपनी गणितीय गणनाओं से 1865 में इसकी ऊंचाई 29,029 फीट आंकी थी। राज अंग्रेजों का था, सो पर्वत का नाम माउंट एवरेस्ट रखा गया। अब इसका नाम बदलने का प्रस्ताव विचाराधीन है। और बहुत संभव है कि इसका नाम बंगाल के गौरव राधानाथ सिकदर के नाम पर रखा जाए।
नई दोस्ती, पुरानी दुश्मनी
हालांकि अभी यह तय नहीं है कि पश्चिम बंगाल में तमाम वामपंथी, और नॉट सो वामपंथी- यू नो, फोर्सेज का दुश्मन नंबर एक कौन हो। फिर भी, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस-सीपीएम गठबंधन लगभग तय है। अधीर रंजन चौधरी अपनी पुरानी दुश्मनी भुलाकर सीपीएम मुख्यालय जाने लगे हैं। अभी उनकी दुश्मन नंबर एक ममता बनर्जी हैं। कम्युनिस्टों में अभी दुश्मन नंबर एक का ही फैसला नहीं हुआ है, तो दोस्त नंबर एक का कैसे हो? लिहाजा कांग्रेस की सुझाई सीटें, और कांग्रेस का सुझाया सीएम चेहरा- माने कि अधीर रंजन चौधरी भी अभी वामपंथी दलों को कबूल नहीं हुए हैं।
चाइनीज चैकर्स
बराक ओबामा की आत्मकथा विश्व भर में सुपरहिट और भारत में यह दो तरह से हिट है। एक तो लोग इसके राजनैतिक पहलू का रस ले रहे हैं। राहुल गांधी और मनमोहन सिंह पर जो लिखा है, वगैरह। दूसरे यह भारतीय राजनयिकों के बीच हिट हुई है। साउथ ब्लॉक में मुख्य चर्चा ओबामा की चीन के बारे में लिखी गई बातों पर है। ओबामा ने चीन की अपनी पहली सरकारी यात्रा के बारे में लिखा है कि जैसे ही एयरफोर्स वन चीन में उतरा, तुरंत सभी को निर्देश दिया गया वे कि अपने सभी गैर सरकारी मोबाइल और अन्य उपकरण विमान में ही छोड़ दें। और यह ध्यान रखें कि चीन सरकार आपकी हर बातचीत, हर संचार पर नजर रखेगी।
ओबामा ने लिखा है कि चीन में उनके होटल के सूइट में खुफिया कैमरा लगा हुआ था। लिहाजा अमेरिका जत्थे के बहुत सारे सदस्य सारी बत्तियां बुझाकर स्नान करते थे, ताकि अंधेरे में चीनी कैमरे उन्हें न देख सकें। लेकिन कुछ अमेरिकियों का दृष्टिकोण अलग था। वे चीनी जासूसों को चिढ़ाने के लिए अंदर के कमरों में नग्न घूमते थे। ओबामा ने लिखा है कि जब वे लोग होटल में नहीं होते थे, तो होटल में साफ-सफाई करने वाले लोग भी उनकी सारी फाइलें और कागजात पढ़ते थे। लिहाजा साउथ ब्लॉक में चीन वाला अध्याय सुपरहिट है। साउथ ब्लॉक के पंडितों ने इसके कुछ हिस्से पढ़ने के लिए पीएमओ भी भेजे हैं।
भाग्यनगर का चक्कर
ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (जीएचएमसी) के चुनाव बीजेपी उसी तेवर से लड़ रही है, जैसे वह लोकसभा चुनाव लड़ी थी। लेकिन चुनाव में लगे प्रशासनिक अधिकारी अब एक अजीब दिक्कत में फंस गए हैं। बीजेपी रैली, रोड शो आदि के लिए जो औपचारिक लिखित अनुमति के लिए आवेदन लगाती है, उसमें विषय में जीएचएमसी लिखने के बाद कोष्ठक में भाग्यनगर भी लिख देती है। जबतक अधिकारियों का ध्यान इसकी तरफ जाता, तब तक कई अनुमतियों की रसीद बीजेपी को मिल चुकी है, जिसमें कागजों पर हैदराबाद के साथ-साथ भाग्यनगर दर्ज है। नगर किसके भाग्य में आता है, यह चुनाव बाद पता चलेगा।
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