नई दिल्ली. नागरिकता कानून और एनआरसी पर चल रहे विरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने डिटेंशन सेंटर को लेकर अलग-अलग बातें कीं। वहीं, सरकार के आंकड़े बताते हैं कि असम में 6 डिटेंशन सेंटर हैं, जिनमें 900 से ज्यादा लोग रह रहे हैं। जनवरी 2019 में गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने यहां कम से कम एक डिटेंशन सेंटर बनाने के लिए मैनुअल जारी किया था। देश में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को रखने के लिए डिटेंशन सेंटर बनाने की बात नई नहीं है। 2009 के बाद से 4 बार राज्य सरकारों को ऐसे डिटेंशन सेंटर बनाने के निर्देश जारी हो चुके हैं। असम में नवंबर 2011 में तीन डिटेंशन सेंटर थे, अब 6 जहां 970 लोग रह रहे 13 दिसंबर 2011 को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में गृह राज्यमंत्री एम रामचंद्रन ने बताया था कि असम में नवंबर 2011 तक 3 डिटेंशन सेंटर थे, जो गोलपारा, कोकराझर और सिलचर में बने थे। वहीं, 3 दिसंबर 2019 को एआईयूडीएफ सांसद बदरूद्दीन अजमल ने असम में डिटेंशन सेंटर को लेकर सवाल किया। इसके जवाब में गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि 'असम में 6...