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Showing posts from May, 2020

हम जितना अपनी क्षमता को पहचानेंगे, उतना ही हम जीवन को रीडिजाइन और रीस्टार्ट कर पाएंगे

कोरोना के साथ जीना होगा, यह जानकर निराशा होना स्वाभाविक है। लेकिन उम्मीद कभी नहीं छोड़नी चाहिए। निराशा में हम परिस्थिति का सामना करने में अक्षम हो जाते हैं। लेकिन यह कहना आसान है कि उम्मीद बनाए रखें। अभी उम्मीद केवल भावना केंद्रित नहीं बल्कि इतिहास केंद्रित होनी चाहिए। एक पुराना गीत है, ‘गम की अंधेरी रात में दिल को न बेकरार कर, सुबह जरूर आएगी सुबह का इंतजार कर।’ सुबह का इंतजार करना होगा। लेकिन वह अपने हिसाब से होगी। इसी तरह परिस्थितियां अपने हिसाब से बदलती हैं। दुनिया में ऐसी महामारियां, समस्याएं पहले भी आ चुकी हैं और हम इनसे बाहर निकले हैं। यही इतिहास केंद्रित उम्मीद है। फिर न्यू नॉर्मल अपनाना हमारे लिए कौन-सी नई बात है। जैसे पहले बैलगाड़ी थी, फिर गाड़ी आई, फिर रेलगाड़ी आई, हवाईजहाज आया, हम सब अपनाते गए। शुरुआत में थोड़ी कठिनाई हुई, लेकिन हम थोड़ी मेहनत से, थोड़ी अनुकूलता लाकर उसे अपना लेते हैं। पहले औद्योगिक क्रांति आई, तब लोग जीने के लिए नौकरी करते थे। फिर आईटी क्रांति आई, लोग जीवनस्तर बेहतर बनाने के लिए नौकरी करने लगे। अब हम डिजिटल और सोशल क्रांति को अपना रहे हैं। कितनी बार हमारा नॉर्...

जीवन अच्छे भविष्य की कामना के साथ जिया जाना चाहिए, लेकिन इसके बीच मौजूदा वक्त को जीना भूलना नहीं चाहिए

सबसे अच्छा जीवन तभी जिया जा सकता है, जब हम हरदम इसे ज्यादा से ज्यादा सरल बनाने की कोशिश में ना लगे रहें। जीवन में वह समय भी आता है, जब जवाबों को खोजने की ज़रूरत पड़ती है और कभी ऐसा वक्त भी आता है जब सवालों को उसी स्थिति में छोड़ देना ही बेहतर हो जाता है। अगर हर जवाब अगले सवाल का कारण बन जाए या हर जवाब के साथ सवाल भी बढ़ते जाएं तो फिर यह उलझनें, मानसिक अशांति और जीवन में मौजूद यह शोर कभी ख़त्म नहीं होने वाला। और अगर ज़िंदगी इन्हीं उलझनों और त्रास में फंसी रही, तो जीवन के असली आनंद को महसूस करने से हम वंचित रह जाएंगे। इसलिए ‘कार्पे डियम्’ यानी कल की चिंता छोड़कर इस पल को भरपूर जिएं। इस क्षण को महसूस कीजिए और पूरे आनंद से अपना जीवन जिएं। हमारे ज्ञान, असीमित बुद्धिमत्ता से भी हम जीवन के बारे में कुछ खास नहीं समझ सकते। आप जीवन के सार को खोजने के लिए भले ही हर संभव प्रयास करते हैं, वह सब कुछ करने की कोशिश करते हैं, जो वाकई में किया जा सकता है, जो आपके दायरे में है, लेकिन आप देखेंगे कि वह भी अपर्याप्त जान पड़ेगा। निर्वाण, मोक्ष या ठहराव तो दरअसल जीवन के विरोधाभासों को संतुलित करने से ही म...

कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देशों में से 7 ने टोटल लॉकडाउन किया था, उनमें से सिर्फ भारत में नए मामले बढ़ रहे

कोरोना के सबसे ज्यादा असर वाले 10 देशों में से 7 ने इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए टोटल (नेशनल लेवल पर) लॉकडाउन लगाया था। इन 7 देशों में भारत ही ऐसा देश था, जहां सबसे कम संक्रमित (536) मिलने पर लॉकडाउन लगा दिया गया था। भारत सरकार को इस कदम के लिए डब्ल्यूएचओ से तारीफ भी मिली थी और कोविड-19 से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों को ट्रैक करने वाले ऑक्सफोर्ड गवर्मेंट यूनिवर्सिटी ट्रैकर ने उसे 100 में से 100 पॉइंट्स भी दिए थे। लेकिन, अब इन 7 देशों में भारत ही एकमात्र देश है, जहां नए कोरोना संक्रमितों की संख्या का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है। बाकी 6 देशों में हर दिन सामने आने वाले नए मामलों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। इन 6 देशों ने कोरोना संक्रमण का फैलाव काफी हद तक रोक लिया है और इसीलिए इन देशों में पिछले दिनों धीरे-धीरे लॉकडाउन खोलने के लिए प्रतिबंधों में ढील दी जाती रही है। भारत भी इसी तर्ज पर आज (1 जून) से लॉकडाउन खोलने की प्रोसेस शुरू कर रहा है, जबकि यहांहर दिन नए मामलों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इन सभी 7 देशों में लॉकडाउन लगने के 2-2 महीने पूरे हो चुके हैं। ऐसें में इन...

18 हफ्ते में देश में 1.65 लाख, जबकि अमेरिका में 14.77 लाख केस आए; इस दौरान रोज नए मामलों की ग्रोथ रेट भी 30% से घटकर 5% हुई

कोरोनावायरस से जूझते-जूझते हमें 4 महीने पूरे हो गए। हमारे देश में कोरोनावायरस का पहला मामला 30 जनवरी को केरल में सामने आया था। उसके बाद 2 फरवरी तक ही केरल में 3 कोरोना संक्रमित सामने आ गए। ये तीनों ही चीन के वुहान शहर से लौटकर आए थे। उसके बाद करीब एक महीने तक देश में कोरोना का कोई भी नया मरीज नहीं मिला। लेकिन, 2 मार्च के बाद से संक्रमितों की संख्या रोजाना बढ़ती चली गई। 4 महीने पूरे होने के साथ-साथ 29 मई को कोरोनावायरस के 18 हफ्ते भी पूरे हो चुके हैं। इस दौरान संक्रमण के मामले3 से बढ़कर 1.65 लाख से ज्यादा हो गए। लेकिन, चीन में इतने हफ्ते तक 84 हजार 494 मामले ही सामने आए। यानी कि अब तक हमारे देश में चीन की तुलना में 48% ज्यादा मामले हैं। हालांकि, 31 मई तक देश में 1.82 लाख से ज्यादा मामले आ चुके हैं। हालांकि, आबादी में हमसे चार गुना से भी कम अमेरिका में 18 हफ्तों में 14.77 लाख से ज्यादा मामले आ गए हैं। जबकि, इटली और स्पेन में अभी कोरोनावायरस को 17 हफ्ते ही हुए हैं और अभी तक वहां संक्रमितों की संख्या 2.30 लाख के पार पहुंच गई है। 114 दिन में हमारे यहां 1.28 लाख मरीज थे, अमेरिका में इत...

पर्दे के पीछे : चिठिया हो तो हर कोई बांचे...

म नुष्य के जाने-अनजाने भय, नैराश्य से जन्मी कुंठाओं के कारण वह भविष्य जानना चाहता है। मनुष्य विगत की यादों में विचरण करता है या भविष्य से भयभीत होते हुए वर्तमान समय को जी नहीं पाता। इसी भय ने एक व्यवसाय को पनपने का अवसर दिया है। यह सच है कि कुछ ज्ञानी-ध्यानी लोग समय को पढ़ लेते हैं, परंतु इस क्षेत्र में घुसपैठियों की संख्या बहुत अधिक है। रेगिस्तान वाले क्षेत्र में प्रश्न पूछे जाने के समय प्रश्न कुंडली बनाई जाती है और समय को पढ़ा जाता था। रेत पर अंगुली से प्रश्न कुंडली बनाते हैं। एक बार प्रसिद्ध दार्शनिक गेब्रिल ने एक बालक की प्रश्न कुंडली बनाने की क्षमता की परीक्षा लेने के लिए बालक से पूछा कि गेब्रिल इस समय कहां होंगे। बच्चे ने रेत पर प्रश्न कुंडली बनाई और कहा इस समय इस स्थान पर केवल दो व्यक्ति हैं- बालक स्वयं और दूसरा प्रश्न पूछने वाला। पूछने वाला ही प्रसिद्ध विद्वान गेब्रिल है।खाड़ी देशों में अधिकतम व्यक्तियों की जीवन शैली से ज्योतिष को केवल इसलिए खारिज किया गया कि क्षेत्र में बटमारों का प्रवेश होगा। यह माना जाता है कि पंजाब के होशियारपुर में ऋषि भृगु महाराज की संहिता सहेजकर रखी ...

मैनेजमेंट फंडा: आत्मनिर्भर बनने के लिए ‘लोकल’ की ‘वोकल’ होकर मदद करनी होगी

भास्कर के रेडियो ‘माय एफएम’ की रेडियो जॉकी टीना ने मुझे इस गुरुवार सुबह-सुबह फोन किया। चूंकि वे सुबह 8 से 11 ‘सलाम भोपाल’ प्रोग्राम होस्ट करती हैं और संयोग से उस दिन भोपाल के मशहूर न्यू मार्केट में दुकानें फिर खुल रही थीं, इसलिए वे जानना चाहती थीं कि दुकानों पर ज्यादा ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए मेरे सुझाव क्या हैं। जब मैंने स्पष्ट रूप से कहा कि फरवरी और मई 2020 के बीच शॉपिंग के तरीके बदल गए हैं और अब कम से कम कुछ समय के लिए कोई भी दुकानों में नहीं जाएगा। तो उन्हें जिज्ञासा हुई कि फिर कमाई कैसे शुरू होगी? फिर हमने कई मुद्दों पर चर्चा शुरू की जिसमें सही ढंग से ई-प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर होम डिलिवरी के जरिए स्थानीय लोगों की जरूरतें पूरा करना भी शामिल था। वह भी स्थानीय रूप से बने उत्पादों से। इससे खरीदार का भी भरोसा बढ़ेगा। चूंकि उत्पाद उनके घरों के पास ही बनेगा, तो खरीदार को मनोवैज्ञानिक रूप से यह भरोसा रहेगा कि अगर कुछ गड़बड़ होता है, तो वह खुद जाकर उत्पाद वापस कर सकता है। हमने इस पर भी चर्चा की कैसे ज्वेलरी जैसे सामानों की मांग भी पैदा की जा सकती है, जिन्हें आवश्यक वस्तु नहीं मा...

पहले हर घंटे 30 से ज्यादा फ्लाइट्स आती-जाती थीं, अब इनकी संख्या 2 ही रह गई, यात्रियों से ज्यादा कर्मचारी नजर आते हैं

देश में 25 मई से जब घरेलू उड़ानें फिर से शुरू हुईं, तो मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट के हिस्से 50 फ्लाइट्स आईं। पिछले 5 दिनों से यहां हर दिन 25 फ्लाइट्स उड़ान भरती हैं और इतनी ही लैंड करती हैं। हर दिन 700 से ज्यादा फ्लाइट्स के मूवमेंट वाले इस एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट्स की यह संख्या बहुत ही कम है। जो भीड़ और भागदौड़ यहां पहले नजर आती थी, अब वैसा नजारा बिल्कुल दिखाई नहीं देता। औसतन हर घंटे 2 ही फ्लाइट होने के कारण एयरपोर्ट पर सन्नाटा पसरा होता है। हाल यह है कि कभी-कभी तो यात्रियों से ज्यादा एयरपोर्ट कर्मचारी नजर आ जाते हैं। फेस शील्ड, मास्क या पीपीई किट पहने ये कर्मचारी एयरपोर्ट पर कोरोना से बचाव के लिए सभी नियमों का खुद तो पालन करते ही हैं, साथ ही यात्रियों से भी करवाते हैं। यहां कोरोना से बचाव के लिए कुछ नए तरीके भी इजाद किए गए हैं। ऐमें में हम हर दूसरे मिनट में एक फ्लाइट के मूवमेंट वाले देश के इस दूसरे सबसे व्यस्त एयरपोर्ट की कुछ लाइव तस्वीरें आपके लिए लाए हैं.. मुख्य रनवे के पास की फ्लाइट पार्किंग एरिया में एयर इंडिया, स्पाइसजेट, इंडिगो सहित अन्य कई एयरलाइंस के ...

दो महीने अकेली हॉस्टल में रही मॉरिशस की पूरवशा, वहां की सरकार ने फ्लाइट भेजी तो लौटने से इनकार कर दिया

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक हॉस्टल में मॉरिशस की पूरवशा सुखु दो माह तक अकेली रही। लॉकडाउन लगते ही पूरा हॉस्टल खाली हो गया लेकिन फ्लाइट्स बंद होने के चलते पूरवशा यहीं फंस गई। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने न सिर्फ पूरवशा के लिए हॉस्टल खोले रखने का फैसला लिया बल्कि उसे दोनों टाइम चाय-नाशता और खाना भी दिया। अभी दो हफ्ते पहले जब हॉस्टल को क्वारैंटाइन सेंटर बनाया गया तो कॉलेज की टीचर उसे अपने घर ले आईं। अपनी टीचर सरला मेनन की फैमिली के साथ पूरवशा। पूरवशा ने 12वीं बोर्ड में पूरे मॉरिशस में मराठी सब्जेक्ट में टॉप किया था। इसी के चलते उन्हें भारत सरकार द्वारा मराठी पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप ऑफर की गई थी। पूरवशा ने यह स्कॉलरशिप ली। उन्हें कोल्हापुर के महावीर कॉलेज में एडमिशन मिल गया। यहां से मराठी में बीए ऑनर्स कर रही हैं। सेकंड ईयर पूरा भी हो चुका है। हॉस्टल में एकदम अकेली, एंटरटेनमेंट के लिए टीवी तक नहीं थी पूरवशा कहतीहैं, हॉस्टल में दो महीने अकेले बिताना काफी मुश्किल था, क्योंकि न कोई बात करने के लिए था और न ही एंटरटेनमेंट का कोई जरिया था। टीवी तक नहीं थी। पूरवशा 60 दिनों में 28 किताब...

झुग्गी में रहने वाले बच्चों को स्कूल बुलाने टीचर ने मोबाइल नंबर लिया था, अब उसी पर लेसन भेज देती हैं, कई बार टीचर ही रिचार्ज भी कराती हैं

'My name is Kareena. I am student of Class 5.. पढ़ना अच्छा लगता है मुझे। मेरी मैम पढ़ाती हैं ऑनलाइन मोबाइल में। .... Early to bed and early to rise....' दस साल की करीना के पिता मोची हैं और मां मंदिर की सफाई करती हैं। उसका भाई सूरज 6 साल का और बहन काजल 7 साल की है। उत्तर प्रदेश के नोएडा की एक बस्ती में रहने वाले इन बच्चों के पास चिलचिलाती धूप में पहनने के लिए चप्पल भी नहीं, लेकिन पढ़ने का जज्बा जरूर है। ABCD पढ़ना इन्हें पसंद है। और सरकारी स्कूल भले ही बंद हो, लेकिन इनकी टीचर इन्हें वॉट्सऐप के जरिए पढ़ाती हैं। करीना की मां कविता देवी गरीबी और लॉकडाउन में काम ना होने की मार झेल रही हैं। वो कहती हैं, ‘मैसेज आ जाता है तो बच्चों को दिखा देती हूं और वो काम कर लेती है। उतना पढ़ाई तो नहीं होती लेकिन हल्की फुल्की पढ़ाई हो जाती है।’ करीना कहती हैं, ‘मेरी मैम का नाम अनु शर्मा है। फरवरी से जब हमारा स्कूल चालू था तबसे ही हमारा वॉट्सऐप चालू है। मैम ने सभी बच्चों कानंबर लिया था। इसलिए क्योंकि जो बच्चा स्कूल नहीं आता था उसको वॉट्सऐप करके स्कूल बुला लेती थीं। फिर लॉकडाउन में उसी से ही ऑनलाइ...

mAadhaar App है बड़े काम की, एक ऐप से ले सकेंगे आधार से जुड़ी 35 तरह की सुविधाओं का फायदा

mAadhaar App की मदद से आप एक या दो नहीं बल्कि 35 तरह के आधार संबंधित काम निपटा सकते हैं। from Nai Dunia Hindi News - technology : tech https://ift.tt/3eAWPcC

Flipkart पर 1 जून से शुरू होने जा रही यह सेल, जानिए क्या होंगे ऑफर्स और डिस्काउंट

Flipstart Day Sale 2020 जून महीने की पहली तारीख को शुरू होगी और 3 जून तक चलेगी। from Nai Dunia Hindi News - technology : tech https://ift.tt/2yMjlA9

सीजन-1 में मोदी सरकार के 6 बड़े पिलर की रिपोर्ट; गवर्नेंस-इकोनॉमी रेड जोन में रही, पॉलिटिक्स ऑरेंज जोन में और डेवलपमेंट ग्रीन जोन में है

नई दिल्ली. 23 मई 2019। दुनिया के सबसे बड़े आम चुनाव के नतीज आए। सत्तारूढ़ भाजपा को 303 सीटों पर फतह हासिल हुई। 30 मई 2019। नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। वह देश के पहले ऐसे गैरकांग्रेसी प्रधानमंत्री बने, जिन्होंने पांच साल सरकार चलाकरदूसरा कार्यकाल संभाला। यहीं से मोदी-2.0 सरकार का पहला साल या पहला सीजन शुरू हुआ है। अब शनिवार को मोदी सरकार-2.0 अपनी पहली सालगिरह मना रही। हाल में मोदी सरकार ने आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए रिफॉर्म के 5पिलर बताए थे। अब मोदी सरकार-2.0 के एक साल पूरे होने पर हम सरकार के कामकाज के 6 बड़े पिलर के परफार्मेंस कारिपोर्ट कार्ड जारी कर रहे हैं। कोविड-19 के दौर में इन 6बड़े पिलर को परफार्मेंस के लिहाज से रेड, ग्रीन और ऑरेंजजोन में रख रहे हैं। पढ़े पूरी रिपोर्ट... मोदी-2.0 सीजन-1 एपिसोड-1: गवर्नेंस- रेड जोन तीन महीने तक सीएए-एनआरसी के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन चला 1- मोदी सरकार की हमेशा से पहली प्राथमिकता गवर्नेंस यानी सुशासन रही है। लेकिन मोदी-2.0 सरकार के पहले साल में सीएए के विरोध में देश में तीन महीने लंबा आंदोलन चला। असम से लेकर दिल्ली...